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- आँखों वाले
अश्विनी कुमार
झील सी गहरी इन आँखों में
मुझे समा ले आँखों वाले,
या फिर मेरे अश्रु-जल से
झील बना ले आँखों वाले।
मेरे इन आँखों ने अब तक
जिन आँखों के स्वप्न सजाये,
सम्मुख पा इन आंखों को
उचित नहीं वो झुक जाए।
पलक उठा अपनी आँखों में
मुझे समा ले आँखों वाले,
या फिर मेरे अश्रु-जल से
झील बना ले आँखों वाले।
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